सिविल हॉस्पिटल में डाक्टरों की नियुक्ति एवं सुविधा देने की मांग की

सिलचर से मदन सिंघल की रिपोर्ट 

कमल चक्रवर्ती ने कहा, सिविल अस्पताल में यह सेवा बंद होने से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के मरीजों के लिए इलाज का खर्च उठाना मुश्किल हो जायेगा.  असम सरकार ने राज्य के सभी सिविल अस्पतालों में कई निदानों के लिए मुफ्त सोनोग्राफी और रक्त परीक्षण प्रदान किया है।  लेकिन कछार जिले के लोग राज्य सरकार की इस जनकल्याणकारी योजना से वंचित रह जायेंगे.  उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले सिविल अस्पताल आधुनिकीकरण मांग समिति की ओर से जिला स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक डॉ. आशुतोष बर्मन, सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अपूर्व कुमार पटोआ को ज्ञापन सौंपकर सोनोग्राफी के लिए रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की मांग की गई थी।  इस ज्ञापन की एक प्रति राज्य के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रभारी हिमंत बिस्वा शर्मा को भी ईमेल से भेजी गई.  लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई सकारात्मक कार्रवाई देखने को नहीं मिली है.  दीपांकर चंद ने कहा, जब चुनाव आता है तो नेता सिविल अस्पताल के आधुनिकीकरण की बात करते हैं, लेकिन जब चुनाव खत्म हो जाता है तो सिविल अस्पताल की समस्याएं दब जाती हैं. उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल के हड्डी, आंख और सर्जरी विभाग में कोई डॉक्टर नहीं है.  नतीजतन मरीजों को ये चिकित्सा सेवाएं मुहैया नहीं हो पाती हैं.  राज्यपाल ने कुछ दिन पहले सिलचर सिविल अस्पताल का दौरा किया था और सिविल अस्पताल की हालत देखने के बाद उन्होंने कहा था कि वह मुख्यमंत्री को जल्द से जल्द डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए कदम उठाने की सिफारिश करेंगे.  लेकिन इसके बावजूद डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की गयी.  निखिल पाल ने जन प्रतिनिधियों से इस संबंध में उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया.

हरिदास दत्ता, सुरजीत सोम, सत्यजीत गुप्ता, हिलोल भट्टाचार्य, नंददुलाल साहा, खडेजा बेगम लश्कर, मानव विज्ञान के समीर बोस, ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी के साबिर अहमद, रूपम संस्कार संस्थान के भास्कर दास, प्रेमानंद के साथ सुभाष बर्मन, अमिताभ डे, शंकर दास विरोध प्रदर्शन में दास, विप्लव घोष, बुद्ध पाल, रेनू बेगम आदि मौजूद थे।