नगांव से रवीन्द्र शाह की रिपोर्ट
नगांव की श्री सत्यनारायण ठाकुरबाड़ी में विप्र फाउंडेशन के तत्वाधान में
श्री परशुराम जन्मोत्सव धूमधाम के साथ पूर्ण भक्तिमय वातावरण मनाया गया। कार्यक्रम
की शुरुआत शाम को भगवान परशुराम के चित्र के सम्मुख पंडित शिवकुमार दाधीच द्वारा
सपत्नीक पूजा अर्चना करने के साथ हुई। इसके बाद दिव्यजोत के प्रज्वलन करने के साथ
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई जिसमें गणेश वंदना की प्रस्तुति गोपाल
जाजोदिया और उनके सहयोगी कलाकारा श्रद्धा गुजराणी द्वारा प्रस्तुत भजनो के साथ
हुई। इसके पश्चात भजन गायिका गुनगुन बोरा द्वारा एक से बढ़कर एक भजनों की
प्रस्तुति दी गई। भजनों के इस श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रम में भजन गायक पवन दाधीच और
धनेश दाधीच और विशाल दाधीच द्वारा प्रस्तुत भजनों ने कार्यक्रम की गरिमा में चार
चांद लगा दिए। कार्यक्रम के मध्य आमंत्रित कलाकारों का असमीया संस्कृति के अनुसार
फुलाम गामोछा पहनाकर जिसमें रोहा से पधारे समाजसेवी मातूराम शर्मा,गौड़
ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष संदीप शर्मा, पारीक सभा के सचिव महेश शर्मा,दाधीच परिषद के सदश्य अमित शर्मा,विप्र फाउंडेशन के नगांव प्रांतीय प्रभारी विकाश शर्मा, दाधीच महिला
समिति की संयोजिका डिंपल शर्मा और समिति की सदश्य ऋतु शर्मा उपस्थित थे द्वारा
किया गया। आयोजन का मंच संचालन राजा पारीक द्वारा किया गया। इससे पहले भगवान
परशुराम की जीवनी का पठन पंडित शिवकुमार दाधीच द्वारा किया गया। इस मौके पर श्री
सत्यनारायण ठाकुरवाड़ी संचालन समिति की तरफ से विनोद खेतावत, शंकर लाल
वर्मा, पवन बगड़िया
के अलावा महावीर प्रसाद किल्ला,अजय मित्तल, जगदीश धूत के साथ बड़ी संख्या में समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
ब्राह्मण समाज की सभी संस्था के लोग इस कार्यक्रम में जिसमें महिलाएं और बच्चे भी
शामिल थे मौजूद रहे और देर रात तक भजनों के कार्यक्रमों का सिलसिला जारी रहा
जिसमें लोगों ने नाचते गाते हुए भगवान परशुराम के दिव्य दरबार में अपनी श्रद्धा की
हाजिरी लगाई। आयोजन को लेकर सत्यनारायण ठाकुरवाड़ी को दुल्हन की तरह से सजाया गया
था जो की मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। आयोजन को सफल बनाने में सत्यनारायण
ठाकुरबाड़ी के पंडित विजय दाधीच, सचिन दाधीच के साथ रमेश राजपुरोहित, हनुमान शर्मा ,शैलेन्द्र शर्मा,मोहित शर्मा,अमित शर्मा,राजा पारीक,पंकज शर्मा,धनेश शर्मा, अशोक शर्मा, संदीप शर्मा के साथ अन्य सभी कार्यकर्ताओं का योगदान सराहनीय रहा। आयोजन के
पश्चात धन्यवाद ज्ञापन राजा पारीक द्वारा किया गया। भक्तों में प्रसाद वितरण के
पश्चात कार्यक्रम को विराम दिया गया।