सिलचर से मदन सिंघल की रिपोर्ट
महिला
एवं बाल विकास विभाग, कछार ने
शुक्रवार को सिलचर के एस. एम. देव सिविल अस्पताल में एक महत्वपूर्ण समारोह के साथ
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2025 मनाया।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) कार्यक्रम के
तहत, पाँच नवजात बालिकाओं को आवश्यक किट
वितरित की गईं,
जिससे जन्म से ही लैंगिक समानता
और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिला।इस
कार्यक्रम में सहायक आयुक्त-सह-प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी (डीएसडब्ल्यूओ)
दीपा दास और एस. एम. देव सिविल अस्पताल, सिलचर के
अधीक्षक डॉ. अरूप पटवा भी उपस्थित थे। कछार
स्थित महिला सशक्तिकरण संकल्प केंद्र टीम ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और
महिला एवं बाल कल्याण के प्रति सहयोगात्मक दृष्टिकोण प्रदर्शित किया।गणमान्य
व्यक्तियों ने अस्पताल के प्रसूति वार्ड में पाँच नवजात बच्चियों की माताओं को
व्यक्तिगत रूप से आवश्यक किट प्रदान कीं। वितरण समारोह के बाद माताओं के साथ संवाद
सत्र आयोजित किए गए, जिसमें
अधिकारियों ने मिशन शक्ति के तहत कार्यान्वित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की
जानकारी दी। इस पहल का उद्देश्य बालिकाओं के जन्म का जश्न मनाते हुए महिलाओं और
बच्चों के समर्थन हेतु बनाए गए सरकारी कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता फैलाना
था।इस अवसर पर बोलते हुए, सहायक
आयुक्त सह प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी, दीपा दास
ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस तरह की पहल समाज में बालिकाओं के महत्व को बढ़ावा
देने, लैंगिक भेदभाव को कम करने और शिक्षा, स्वास्थ्य एवं समग्र सशक्तिकरण में समान अवसर सुनिश्चित करने
में सहायक होती हैं। कार्यक्रम ने एक ऐसे समाज के निर्माण के सरकार के संकल्प को
रेखांकित किया जहाँ प्रत्येक बालिका के जन्म का जश्न मनाया जाए और परिवारों को
लैंगिक समानता वाले राष्ट्र के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनने के लिए
प्रोत्साहित किया जाए। अधिकारियों
ने बताया कि ये पहल यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं कि हर बालिका
का जीवन की शुरुआत से ही स्वागत, सम्मान
और सशक्तिकरण हो।
यहाँ यह
बताना ज़रूरी है कि बेटी बचाओ, बेटी
पढ़ाओ कार्यक्रम भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य घटते बाल
लिंगानुपात को कम करना और शिक्षा, स्वास्थ्य
सेवा तक बेहतर पहुँच और भेदभाव से सुरक्षा के माध्यम से बालिकाओं के कल्याण को
बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम मानसिकता बदलने और एक ऐसा सक्षम वातावरण बनाने का
प्रयास करता है जहाँ बेटियों को आगे बढ़ने के समान अवसर मिलें।अस्पताल में उपस्थित
परिवारों ने इस कार्यक्रम का भरपूर स्वागत किया और माताओं ने सरकार के समर्थन और
सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया। आवश्यक किटों का वितरण व्यावहारिक सहायता के
साथ-साथ एक प्रतीकात्मक संदेश भी था जो बालिकाओं के जन्मदिवस का जश्न मनाने और
उनके पालन-पोषण के महत्व को दर्शाता है।