सिलचर से मदन सिंघल की रिपोर्ट
बराक नदी का जलस्तर घटा है और कृत्रिम बाढ़ की स्थिति में सुधार आया है।
लेकिन इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की कीमतें अचानक असामान्य रूप से बढ़ने लगी हैं। इस
मुद्दे को लेकर अब बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट ने आवाज उठाई है। एक प्रेस
विज्ञप्ति में बीडीएफ मीडिया सेल के संयोजक जयदीप भट्टाचार्य ने कहा कि बाढ़ की
स्थिति के दौरान जिला प्रशासन और फूड ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन की ओर से बार-बार
यह कहा गया था कि आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त भंडार मौजूद है। इसके बावजूद अचानक
इस तरह की मूल्यवृद्धि का कोई उचित कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि आलू की कीमत
प्रति किलो 15 रुपये बढ़
गई है और अन्य सब्जियों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं, जिससे आम
नागरिकों का जीना मुश्किल हो गया है।
जयदीप ने यह भी कहा कि हाल ही में फूड ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन ने बाढ़
राहत के लिए मुख्यमंत्री को अच्छी-खासी राशि सौंपी है। अब कई लोग सवाल उठा रहे हैं
कि क्या बाजार में मूल्यवृद्धि के माध्यम से वही पैसा वसूला जा रहा है? उन्होंने
कहा कि एसोसिएशन को इस मुद्दे पर तत्काल स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने यह
भी कहा कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से आवश्यक वस्तुओं की साप्ताहिक
थोक और खुदरा मूल्य सूची जारी की जाती है, लेकिन इस सूची का पालन कितना हो रहा है, उस पर कोई निगरानी नहीं होती। बीडीएफ ने मांग की कि विभाग के निरीक्षक
तुरंत विभिन्न बाजारों में जाकर आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की जांच करें। साथ ही
उन्होंने उन कुछ बेईमान व्यापारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की मांग की, जो इस
मूल्यवृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं।
बीडीएफ के एक अन्य संयोजक ऋषिकेश दे ने कहा कि जब खुदरा व्यापारी थोक
व्यापारियों से माल खरीदते हैं, तो अधिकांश मामलों में उन्हें कोई रसीद नहीं दी जाती। इससे यह जानना
मुश्किल हो जाता है कि मूल्यवृद्धि के लिए असली जिम्मेदार कौन है। खुदरा और थोक
व्यापारी एक-दूसरे पर दोष डालते हैं। उन्होंने कहा कि थोक बाजार में सामान बेचते
समय मूल्य सहित उचित रसीद देना अनिवार्य किया जाए। इस बारे में फूड ग्रेन
मर्चेंट्स एसोसिएशन और सरकार को सख्त निर्देश जारी करने चाहिए। ऐसा करने से काफी
हद तक मूल्य नियंत्रण संभव हो सकेगा।ऋषिकेश ने यह भी बताया कि शिलचर स्थित खाद्य
और नागरिक आपूर्ति विभाग के कार्यालय में अधिकांश निरीक्षण अधिकारी के पद खाली हैं, जिससे
मूल्यवृद्धि की निगरानी ठीक से नहीं हो पाती। इसलिए उन्होंने सरकार से इन रिक्त
पदों को तत्काल भरने की भी मांग की।