सिलचर से मदन सिंघल की रिपोर्ट
भाजपा
नीत एनडीए सरकार द्वारा श्रमिकों, किसानों
और मेहनतकश लोगों के जीवन और आजीविका पर किए जा रहे भयानक हमले के खिलाफ दस
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, कर्मचारी
महासंघों और किसान संगठनों ने 9 जुलाई को
राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है। एसयूसीआई (सी) पार्टी की असम राज्य
समिति ने चार श्रम संहिताओं को तत्काल निरस्त करने, 8 घंटे के कार्य दिवस को बनाए रखने, सरकारी क्षेत्रों के निजीकरण को रोकने, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बनाए रखने, बिजली संशोधन विधेयक 2023 को वापस
लेने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को रद्द करने और मूल्य वृद्धि को
रोकने सहित 17
मांगों के आधार पर असम में सफल
हड़ताल का आह्वान किया है।
पार्टी की राज्य सचिव चंद्रलेखा
दास ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अगर शोषक पूंजीपति वर्ग के स्वार्थ की रक्षा
करने वाली भाजपा सरकार के निरंकुश शासन को उखाड़ फेंकना है तो एकजुट लोकतांत्रिक
आंदोलन के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उन्होंने पूरे देश में एक बड़े
जनांदोलन का आह्वान किया और राज्य के मजदूरों, किसानों, कर्मचारियों, छात्रों, युवाओं, महिलाओं और जनता के सभी वर्गों से 9 जुलाई की आम हड़ताल को पूरी तरह सफल बनाने के लिए हड़ताल में
शामिल होने का आह्वान किया।