नगांव से रवीन्द्र शाह की रिपोर्ट
नाथ जनजाति के साहित्य और संस्कृति के प्रचार और प्रसार के लिए काम कर रहे नाथ साहित्य संस्कृति सम्मेलन का पांचवां वार्षिक स्थापना दिवस समारोह मोरीगांव शहर के समीप स्थित सिद्धाबाड़ी रंगमंच पर आयोजित किया गया।
सम्मेलन के अध्यक्ष लक्ष्यज्योति नाथ ने सुबह ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद वरिष्ठ नागरिक ललित चंद्र नाथ ने दीप प्रज्वलन किया। इसके बाद गुरु मत्स्येंद्रनाथ और गोरखनाथ की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।सम्मेलन के पांच वर्षों के उपलक्ष्य में पांच दीप प्रज्वलन किए गए। दोपहर में सम्मेलन के अध्यक्ष लक्ष्यज्योति नाथ की अध्यक्षता में सम्मान समारोह और जाति की अग्रगति में संस्कृति की भूमिका शीर्षक चर्चा सत्र आयोजित किया गया।चर्चा सत्र में बोलते हुए नाथ साहित्य संस्कृति सम्मेलन के प्रधान सचिव जितुमणि नाथ ने सम्मेलन की पृष्ठभूमि पर एक अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि मोरीगांव के विधायक रामाकांत देउरी ने नाथ संस्कृति के बारे में विवादित टिप्पणी की है, जिसे हम स्वीकार नहीं करते हैं।आलोचना सत्र में बोलते हुए तिवा स्वायत्त परिषद के कार्यकारी सदस्य खगेन चंद्र बरदलै, युवा समाजसेवक विष्णुज्योति भागवती और उत्पल नाथ ने कहा कि जाति की अग्रगति में संस्कृति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।डॉ. तुलेश्वर नाथ, गदाधर नाथ, मुकुल चंद्र काकती, जितेन चंद्र नाथ, सोमेश्वर नाथ, तोलन राजगुरु, जयंत कुमार नाथ, डॉ. कमल चंद्र नाथ, रोहिणी देवी, ज्योत्सना देवी, मृणालिनी देवी, मनोरमा देवी और गुणप्रभा देवी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में पूर्व छात्र नेता घनेंद्र कुमार नाथ, नटुआगांव आंचलिक योगी सम्मेलन के अध्यक्ष हेमेन काकती, लेलाईबाड़ी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य पद्मकांत नाथ सहित कई लोग उपस्थित थे।कार्यक्रम का समापन सिधाबाड़ी नाथ समाज के सचिव पोनाराम नाथ ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।