शिक्षासेतु ऐप में समय पर उपस्थिति नहीं देने पर वेतन कटौती का निर्देश दिया गया

नगांव से रवीन्द्र शाह की रिपोर्ट

असम सरकार ने स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की उपस्थिति के लिए शुरू किए गए शिक्षासेतु ऐप में समय पर उपस्थिति नहीं देने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन कटौती करने का निर्देश दिया है। मोरीगांव जिला आयुक्त अनामिका तिवारी ने यह निर्देश दिया है।आयुक्त के इस निर्देश पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है मोरीगांव जिला प्राथमिक शिक्षक सम्मेलन ने। उल्लेखनीय है कि शिक्षासेतु ऐप में सुबह 8.30 बजे तक शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए मोरिगांव जिला आयुक्त अनामिका तिवारी ने 31 जुलाई को एक निर्देश जारी किया था।निर्देश में कहा गया था कि लगातार तीन दिनों तक निर्धारित समय पर शिक्षासेतु ऐप के माध्यम से उपस्थिति नहीं देने वाले शिक्षकों का एक दिन का वेतन कटौती की जाएगी। जिला आयुक्त के 31 जुलाई के निर्देश के अनुसार जिन शिक्षक-शिक्षिकाओं ने समय पर उपस्थिति नहीं दी, उनका वेतन कटौती कर खंड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने इस महीने के वेतन के बिल तैयार किए हैं।शिक्षक सम्मेलन के अध्यक्ष मिहिर हजारिका और सामान्य संपादक मानस प्रतिम पाटर ने एक बयान में कहा है कि शिक्षासेतु ऐप की तकनीकी खामियां अभी तक दूर नहीं हुई हैं। जिस कारण शिक्षक-शिक्षिकाएं आज भी स्कूल में समय पर उपस्थित होकर भी उपस्थिति नहीं दे पा रहे हैं। कई बार शिक्षासेतु ऐप खराब हो जाता है और मोबाइल नेटवर्क भी कट जाता है।

इसके अलावा जिन टेबलेट्स को शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्रों की उपस्थिति लेने के लिए स्कूलों में आपूर्ति की गई थी, वे टेबलेट्स बहुत निम्न गुणवत्ता के होने के कारण उपयोग नहीं किए जा सके। इसके बावजूद शिक्षक-शिक्षिकाएं अपने निजी मोबाइल में शिक्षासेतु ऐप डाउनलोड कर अपनी और छात्रों की उपस्थिति देने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन शिक्षासेतु ऐप की व्यापक खामियों के कारण समय पर उपस्थिति देने के बाद भी यह सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। यह बात विभागीय अधिकारियों को कई बार बताई गई है। केवल इतना ही नहीं, शिक्षा अधिकारियों ने भी शिक्षासेतु ऐप की खामियों को जानने के बाद भी शिक्षासेतु ऐप की खामियों को दूर करने के बजाय केवल ऐप में निर्धारित समय पर उपस्थिति नहीं देने का बहाना बनाकर शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन कटौती करना शिक्षक समाज के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक है। मोरीगांव जिला प्राथमिक शिक्षक सम्मेलन ने इस मामले पर विचार करने के लिए जिला आयुक्त से आग्रह किया है।